दोस्तों चाय सब की फेवरेट होती है खास तौर पर बुजुर्ग लोग चाय पीना ज्यादा पसंद करते हैं। और हमारे भारत देश का बहुत ही प्रसिद्ध पेय पदार्थ तो चाय ही है। खास तौर पर ठंडे मौसम में लोग चाय पीना ज्यादा पसंद करते हैं और भारत देश में कोई भी ऐसा घर नहीं जहां पर चाय ना बनती हो। दोस्तों अगर चाय में अदरक और इलायची डाल दी जाए तो चाय का स्वाद और भी ज्यादा बढ़ जाता है। भारत देश में जब भी कोई मेहमान घर पर आता है तो उन्हें चाय पिलाकर उनका स्वागत किया जाता है। चाय रिश्ते को मजबूत और गहरा बनाती है। चाय पिलाने से लोगो के व्यवहार में मिठास आती है। चाय आज के समय में प्रेम व्यवहार का प्रतीक बन चुका है। दोस्तों अगर आप भी चाय के दीवाने हैं तो आपको हमारी यह Chai Shayari जरूर पढ़नी चाहिए। हमने यहां पर टी लवर के लिए रोमांटिक चाय पर शायरी साझा की है। हमारी यह Chai Shayari चाय के शौकीन व्यक्तियों को जरूर पसंद आएगी। मुझे लगता है की आप भी एक टी लवर है तभी आप चाय शायरी सर्च करते हुए इस लेख तक पहुंचे हैं। आपके इस लेख में बहुत सारी चाय शायरी मिलेगी (रोमांटिक चाय पर शायरी, चाय पर शायरी 2 लाइन, दोस्ती चाय पर शायरी, बारिश और चाय शायरी, शाम की चाय पर शायरी) यह सभी चाय शायरी हमने यहां पर साझा की है। दोस्तों जरूर पढ़िए हमारी Chai Shayari For Instagram और आपके दोस्त और रिश्तेदारों को भी जरूर भेजें।
Contents
Chai Shayari For Instagram
चाय की प्याली में नीली टेबलेट घोली
सहमे सहमे हाथों ने इक किताब फिर खोली।
चाय पीना तो इक बहाना था
आरज़ू दिल की तर्जुमानी थी।
ज़िन्दगी में परेशान बहुत हूँ, किसी की राय मिल जाए,
दिलासे की जरूरत नहीं बस, एक कप चाय मिल जाए।
जिंदगी वही लोग जीते है, जो 3 वक्त की चाय पीते है।
वो पल भी कोई पल है
जिस पल तेरा एहसास ना हो
वो चाय फिर चाय कैसी
जिसमें तेरे होठों सी मिठास ना हो।
शाम की चाय की
आदत सी हो गई हो तुम,
लाख कोशिश कर लें
छोड़ने की पर तलब लग ही जाती है।
एक बात तो
सौ टका सच्ची है दोस्तों,
इश्क सुकून दे या न दे
चाय दिल को सुकून जरूर देती है।
मुझे सुकून चाहिए और तुम चाहिए,
और शाम को एक कप चाय चाहिए।
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रोमांटिक चाय पर शायरी
तेरे साथ ही चली गई,
ज़िंदगी की मिठास
अब चाय फीकी ही,
पीया करते हैं हम।
अपनी जिंदगी का यही फलसफा है,
एक कप चाय
और बाकि नाम ए वफा है।
उसने पुछा चाय में कितनी चीनी लोगे,
हमने कहा, एक घुट पी कर दे दीजिये।
लोगों को मिलता होगा सुकून इश्क से,
हमें तो सुबह की चाय के बिना चैन नहीं।
अपनी मोहब्बत शाम की
चाय की तरह होती जा रही है,
दिन-ब-दिन कड़क और स्वाद में लाजवाब।
दोबारा गर्म की हुई चाय और
समझौता किया हुआ रिश्ता
दोनों में पहले जैसी
मिठास कभी नही आती।
जब सुबह सुबह तेरे प्यार के नग्में को गुनगुनाता हूं
लब मुस्कुराते है जब चाय का कप उठाता हूं।
न करना मेरी चाय पर शक ए-सनम,
हमने तुमसे सुबह की चाय सा इश्क किया है,
जिसके न मिलने पर दिन अधूरा सा लगने लगता है।
चाय पर शायरी 2 लाइन
मिलो कभी चाय पर फिर कोई किस्से बुनेंगे,
तुम खामोशी से कहना, हम चुपके से सुनेंगे।
आज फिर चाय बनाते हुए वो याद आया
आज फिर चाय में पत्ती नहीं डाली मैं ने।
चाय की लत कहा लगती है साहब,
हम तो उसे मोहब्बत की तरह पीते है।
अच्छी सलाह और अच्छी चाय,
हर कहीं नहीं मिलती।
एक कप चाय दो दिलो को मिला देती है,
एक कप चाय दिन भर की थकान मिटा देती है।
वो फिदा मुझपर और मैं फिदा उसकी हाथो की चाय पर।
हाथ में चाय और यादों में आफ हो,
फिर उस खुशनुमा सुबह की क्या बात हो।
चाय ना पसंद करने वालों तुम्हारी ख़ता ही नहीं,
चाय में क्या सुकून हैं तुम्हें पता ही नहीं ।
दोस्ती चाय पर शायरी
उसने मुझसे पूछा की, तुम्हे चाय पसंद है की मैं,
मेने जल्दी से चाय खत्म करी और कहा की तुम।
कुछ इस तरह से शक्कर को
बचा लिया करो, चाय जब पीओ हमें
जहन में बिठा लिया करो।
यूं तो बहुत सख्त है मेरा दिल
पर कमबख्त चाय पर पिघल जाता है।
चाय के बाद दूसरा रंग तुम्हारा है,
जो मुझे सांवला अच्छा लगता है।
तुम्हारे हाथों की बनी चाय के गर्म एहसासों की जरूरत है मुझे,
सुबह की सर्दी और तुम्हारी जुदाई हमसे अब बर्दाश्त नही होती।
चाय सी होती जा रही हो तुम,
जितना पीयू उतना कम है।
सारे गमों की दवा लाया हु,
बैठो दोस्तों, एक एक कप चाय लाया हूँ।
होंगे लाखों दीवाने उनके हुस्न के,
हम तो आज भी
सुबह की चाय के दीवाने हैं।
बारिश और चाय शायरी
ना किसी की सलाह और ना किसी की राय चाहिए,
बस एक अच्छा मौसम और एक कप चाय चाहिए।
ना इश्क और न दोस्त चाहिए,
सर्द मौसम में बस एक कप चाय चाहिए।
बारिश से पेहले की ठंडी हवा के जोखे जैसे हो तुम
भीगी हुई मिट्टी की खुशबू जैसी होती है वैसे हो तुम।
चाय की चुस्की और वह बारिश का मौसम, तेरे बिन पूरा न हो पाए ये पल।
आज मौसम भी ख़ूब ठहरा है
एक चाय का कप बनाओ तो।
ये खामोश से लम्हें
ये गुलाबी ठंड के दिन,
तुम्हें याद करते करते
एक और चाय तुम्हारे बिन।
च़ाय के बिना यह बारिश कुछ अधूरी सी लगती है तुम्हे ,
चाय के तलबगार सभी हैं, पर चाय में इलायची जैसे हो तुम।
सुबह की चाय और इश्क दोनों एक जैसे हैं,
हर बार वही नयापन और हर बार वही ताजगी।
शाम की चाय पर शायरी
आज फिर उसकी
यादों में ही खोए रह गए,
चाय तो पी ली पर
बिस्किट धरे के धरे रह गए।
सुबह की चाय से भी वो ताजगी नहीं आती है,
जो सुबह में तेरी एख झलक पा जाने में आती है।
मेरी वाली के साथ बड़े कोमल से है,
पर उसकी चाय बड़ी कड़क होती है।
सुबह के चाय में मिठास हो तुम, इस हर एक घूँट में ख़्वाबों की बात हो तुम।
तुम कॉफी मांगोगे तो हम चाय देंगे,
खूब उबल रही है जिंदगी हम भी हर घूंट का मजा लेंगे।
वो चाय की प्याली, वो मस्त मलंग सी तू, कड़क चाय की तरह है तेरी याद भी अब तो।
ये चाय की प्याली मेरी तन्हाई की दोस्त, तुझमें दिखती है उसकी कुछ बातें पुरानी।
भगवान का शुक्र है
मैं चाय से पहले
पैदा नहीं हुआ।
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